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पुरोला आपदा : सचिव आपदा और गढ़वाल कमिश्नर ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा, अधिकारियों को दिए पुनर्निर्माण कार्यों को त्वरित गति से करने के निर्देश

पुरोला uttarkashi,, आपदा प्रबंधन सचिव रंजित सिन्हा और निजी सचिव मुख्यमंत्री/गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने आज पुरोला पहुंचकर आपदा से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित विभागों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्निर्माण के कार्यों को त्वरित गति से करने के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने डीएम को निर्देश दिए कि आपदा राहत के कार्यों में लापरवाही बरतनें वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने आपदाग्रस्त क्षेत्र रतेड़ी, कुफारा, कुरड़ा का हवाई सर्वेक्षण करने की बाद कही गई, लेकिन रतेड़ी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उनके यहां कोई भी हवाई सर्वेक्षण नहीं किया गया।  निरीक्षण के दौरान स्थानीय विधायक दुर्गेश्वर लाल, डीएम अभिषेक रुहेला और एसपी अर्पण यदुवंशी भी रहे।

बीते शुक्रवार मध्यरात्रि को कुरड़ा व रतेड़ी गांव के ऊपर बादल फटने से छाड़ा खड्ड व लौटी गाड़ ने भारी तबाही मचाई थी। जिससे नगर के वार्ड–3 व 4 में कई आवासीय एवं व्यवसायिक भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस अतिवृृष्टि से रतेड़ी गांव की कई हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की भेंट चढ़ गई थी। यहां करीब 6 परिवार भूमिहीन हो गए है। आपदा से रतेड़ी से लेकर सुनारा छानी तक करीब एक दर्जन गांवों की कई हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह होने के साथ ही पेयजल योजना, विद्युत लाइन, सम्पर्क पुलिया आदि क्षतिग्रस्त हो गए थे। सोमवार को सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा, सचिव मुख्यमंत्री/कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय ने नगर के आपदाग्रस्त वार्ड–3 व 4 छाड़ा खड्ड का भ्रमण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को आपदा कार्यों मे तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके बाद यहां विकासखंड सभागार में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक में आपदा सचिव ने आपदा से क्षतिग्रस्त हुई परिसंपतियों के पुनर्निर्माण हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को आगणन भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि आपदा से हुई कृषि क्षति का मुआवजा दिया जाएगा। आपदा के कार्यों हेतु बजट की बाधा नहीं आएगी। कहा कि पैसे का सही उपयोग हो, इसका उतर दायित्व हम सभी का है। आपदा सचिव ने कहा कि क्षेत्र के गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों को हायर सेंटर रेफर करने हेतु हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी को इसकी सूचना देने पर शीघ्र हेलिकॉप्टर उपलब्ध करा दिया जाएगा। विधायक दुर्गेश्वर लाल ने जोशीमठ आपदा की तर्ज पर यहां की आपदा को घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि आपदा की मुआवजा राशि में भी बढ़ोत्तरी होनी चाहिए। उन्होंने लोनिवि एवं पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधानसभा के सेब बागान क्षेत्र के मोटर मार्ग शीघ्र सुचारू किए जाए। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने आपदा से क्षतिग्रस्त हुई कास्तकारों की खेती का उचित मुआवजा देने के साथ केसीसी ऋण माफ करने की मांग की है।

पिछले साल कुमोला खड्ड में आई आपदा के जख्म अब तक नहीं भरे : नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने कहा कि गत वर्ष आपदा से कुमोला रोड़ में आठ दुकानें बह गई थी लेकिन किसी भी पीड़ित को आज भी मुआवजा नहीं मिला। कहा कि नगर पंचायत ने भी आपदा से संबंधित 19 प्रस्ताव शासन को भेजे थे लेकिन एक पैसा भी नहीं मिला। कहा कुमोला खड्ड में बाढ़ सुरक्षा कार्य न होने के कारण इस वर्ष वहां अतिवृष्टि से और कटाव हो गया है जिससे कई आवासीय भवन, दुकानें खतरें की जद में है। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन से कहा कि कमल नदी सहित नगर के सभी गदेरों/खड्डों के दोनों साइट से आरसीसी कार्य नहीं किया जाता है तब तक यहां कटाव को रोकना मुश्किल है।

रतेड़ी में आपदा से भारी नुकसान

शुक्रवार रात को रतेड़ी गांव के पीछे बहने वाली लौटी गाड़ में फटे बादल से ग्रामीणों की करीब 250 नाली उपजाऊ कृषि भूमि पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है। कई लोग भूमिहीन हो गए हैं। जिससे उनको अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है। गांव में अधिकतर लोगों की आजीविका खेतीबाड़ी से चलती थी। किसानों के खेतों में आजकल नगदी फसल धान, टमाटर, गोभी, खीरा, राजमा, तिल की फसल पर तबाह हो गई है। जिससे कई लोगों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया है। गांव के युवाओं द्वारा अपने सब्जियों को बिक्री के लिए बाजार ले जाने के लिए कर्ज लेकर स्कूटी खरीदी थी, लेकिन सारी खेती/फसल नष्ट होने से अब उनको कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मौके का मुआयना कर नुकसान का उचित मुआवजा देने की मांग की है। वहीं ढकाड़ा गांव गोरियाड थोक के पास ढकाड़ा निवासी रतन दास/विशन दास की टमाटर से लदे 6 खेत बह गए हैं। उन्होंने माल गाड़ और रतेडी खड्ड के पास मैराण के युवक द्वारा मच्छी पालन का कार्य किया जा रहा था जो बाढ़ में तबाह हो गया। कुफारा में भी ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा है। दोपहर को एसडीएम पुरोला देवानंद शर्मा ने मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया है। इस दौरान ग्रामीण जगमोहन सिंह केड़ा, राजेंद्र सिंह कंडारी, जब्बर सिंह, सुंदर सिंह,जगवीर सिंह,प्रताप सिंह राणा, सोबन सिंह कंडारी, विजेंद्र कंडारी,अजय आदि का कहना है कि अतिवृष्टि से हमारी क्यारियों वाली खेती पूर्ण रूप से तबाह हो गई है। साथ भूस्खलन से सेब, नाशपाती के पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने प्रशासन से नुकसान का उचित मुआवजा देने की मांग की है।

ये रहे उपस्थित :जिला महामंत्री पवन नौटियाल, ब्लॉक प्रमुख रीता पंवार, मंडल अध्यक्ष जगमोहन पंवार, डीपीसी सदस्य पवन पंवार, लोकेंद्र कंडियाल, कनिष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी एसडीएम बड़कोट जितेंद्र कुमार, पुरोला देवानंद शर्मा सहित सभी विभागों के अधिकारी/कर्मचारी और गणमान्य लोग रहे।

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