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सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्रताल हादसे से सबक, उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले ट्रैक रूट पर ट्रैकिंग के मानक होंगे सख्त

Uttarkashi,, जिला प्रशासन ने सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्रताल ट्रैक पर हुई घटना से सबक लेते जिले के अधिक ऊंचाई वाले ट्रैक रूट पर ट्रैकिंग के मानकों के सख्ती से अनुपालन एवं सुरक्षा प्रबंधों को लेकर जिला स्तर पर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाए जाने का निर्णय लिया है। संबंधित विभागों, विशेषज्ञ संगठनों व अन्य हितधारकों से विचार-विमर्श कर इस SOP को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा इस संबंध में शासन एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्तर पर हुई बैठकों में भी अपने विचार रखे गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सहस्रताल रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित करने हेतु दिखाई गई तत्परता एवं बेहतर समन्वय के लिए जिला प्रशासन की सराहना करते हुए हुए हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग के लिए सख्त नियामक प्राविधान किए जाने पर जोर दिया है।

सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर गए 22 सदस्यीय दल के नौ सदस्यों की मृत्यू होने की घटना का शासन एवं प्रशासन के स्तर से अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए ऐसी घटनाओं दोबारा न हो, इसके लिए हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग हेतु सख्त नियामक उपाय और कड़े सुरक्षा मानकों का निर्धारण किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। गत सायं मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिले के अधिकारियों की बैठक में इस मामले में गहन विचार-विमर्श किया गया। इसी सिलसिले आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सहित अन्य संगठनों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में गहन विचार-विमर्श किया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य ले. जनरल (अ.प्रा.) सैयद हसनैन की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में DM डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट एवं पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने सहस्त्रताल ट्रैक की घटना, रेस्क्यू ऑपरेशन एवं इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के संबंध में सुझावों से अवगत कराते हुए बताया कि जिले में हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग को लेकर विशेषज्ञ संगठनों व संबंधित हितधारकों की राय लेकर जिला स्तर पर SOP बनाए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बैठक में सेना, आईएमएम, कर्नाटक सरकार, आपदा प्रबंधन विभाग उत्तराखंड सहित विभिन्न संगठनों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इससे पूर्व संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि हाई अल्टीट्यूड ट्रैकिंग के लिए ट्रैकिंग एजेंसियों की पात्रता, ट्रैकिंग के संचालन, संसाधन एवं सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर कड़े नियम व कायदे तय किए जाने जरूरी हैं। इसके लिए सभी संबंधित विभागों के मौजूदा नियमों व प्रक्रियाओं को समेकित व संशोधित कर एक सख्त नियामक व्यवस्था बनाई जा सकती है। जिसमें ट्रैकिंग एजेंसियों की जवाबदेही, गाईड की दक्षता, बीमा सुरक्षा, ट्रैकर्स की फिटनेस के मानकों, रेस्क्यू की व्यवस्था जैसे बिन्दुओं का पहले से ही स्पष्ट निर्धारण हो।

बैठक में इसके लिए जिला स्तर पर एसओपी का प्रारूप बनाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की समिति बनाए जाने का निर्णय लिया गया। इसमें नेहरू पर्वतारोहण संस्थान जैसे विशेषज्ञ संगठनों को भी शामिल किया जाएगा। ट्रैकिंग एजेंसी के पदाधिकारियों व अन्य हितबद्ध लोगों की भी इस संबंध में राय ली जाएगी। इस प्रारूप को सम्यक परीक्षण के बाद यथाशीघ्र अंतिम रूप देकर के जिले में ट्रैकिंग की अनुमति देने के लिए निर्धारित एसओपी पर सख्ती से अमल शुरू कर दिया जाएगा। इसी SOP को नियामक प्राविधानों के निर्धारण हेतु शासन को भी भेजा जाएगा।

ये रहे उपस्थित : कप्तान अर्पण यदुवंशी, प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, सीएमओ डॉ. बीएस रावत, जिला पर्यटन विकास अधिकारी/जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, बीआरओ के सहायक कमांडर आदित्या, ओसी मेजर सिद्धार्थ गौतम रहे।

ट्रैकिंग कंपनी मालिक के खिलाफ पुलिस ने किया केस दर्ज

सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर हुए हादसे के मामले में हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर, उत्तरकाशी ट्रेकिंग कम्पनी के स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वरिष्ठ उपनिरीक्षक मनेरी द्वारा अवगत कराया गया कि कुश-कल्याण ट्रेक मे हुई दुर्घटना/आपदा के सम्बन्ध मे प्रथम दृष्टया हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर उत्तरकाशी ट्रेकिंग कम्पनी द्वारा ट्रेकिंग सम्बन्धी शर्तो को पूर्ण किए बिना ट्रेकिंग हेतु अनुमति दी गई। तथा ट्रैकिंग यूनिट एवं रुट/ट्रेक के सम्बन्ध में पुलिस-प्रशासन को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई थी। ट्रेकिंग दल में 70 वर्ष से अधिक उम्र के ट्रेकर्स भी थे, जिनके मेडिकल की कार्यवाही नही की गई थी। बुजुर्ग व्यक्तियों से कुशकल्याण जैसे ऊंचाई वाले स्थान पर आवागमन कराया जाना उचित नहीं था, न ही कम्पनी द्वारा ट्रेकर्स के साथ भेजे गये गाइड के पास ट्रेकिंग सम्बन्धी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गए थे, जिस कारण 4 जून 2024 की सांय को कुशकल्याण ट्रेक पर मौसम खराब होने कारण आये आंधी-तुफान व ओलावृष्टि से हुई आपदा में 22 ट्रैकर्स में से 9 की मृत्यु हो गयी। उक्त दुर्घटना/आपदा मे ट्रैकिंग कम्पनी द्वारा किये गये उपेक्षापूर्ण कार्य से 9 लोगों की मृत्यु होने पर पुलिस द्वारा शुक्रवार को कोतवाली मनेरी पर संबंधित ट्रैकिंग कम्पनी हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर उत्तरकाशी के मालिक के विरुद्ध 304(A)/336 भादवि के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। मामले में अग्रिम विवेचनात्मक/जांच की कार्यवाही जारी है।
ज्ञातव हो कि बीते माह 29 मई को सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर एक 22 सदस्यों का दल गया था जिन्होने 7 जून 2024 को वापस लौटना था, किन्तु 4 जून 2024 की सांय को कुशकल्याण ट्रेक पर मौसम खराब होने कारण आये आंधी-तूफान व ओलावृष्टि से हुई आपदा में ट्रैकर्स उच्च हिमालयी ट्रैक रुट में फंस गये थे, जिस संबंध में 4 जून की सांय को सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वायु सेना, आईटीबीपी व अन्य आपदा दल द्वारा फंसे ट्रैकर्स को निकालने के लिए जमीनी तथा हवाई रेस्क्यू अभियान चलाते हुये सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक से कुल 13 ट्रैकर्स को सुरक्षित रेस्क्यु किया गया जबकि 9 ट्रैकर्स के शवों को एयरलिफ्ट किया गया। 22 सदस्यीय दल में 18 ट्रेकर्स कर्नाटक, 1 महाराष्ट्र जबकि 3 स्थानीय पोर्टर थे।

“उक्त घटना से सबक लेते सभी  ट्रैकिंग एजेंसी भविष्य में इस ओर गम्भीरता बरतें, ट्रैकिंग सम्बन्धी मानकों के अनुरुप ही ट्रैकर्स की अनुमति प्रदान की जाए, जो लोग ट्रैकिंग की शर्तों को पूरा न कर रहे हो, ऐसे लोगों को बिल्कुल भी अनुमति न दें। लापरवाही बरतने वाली ट्रैकिंग एजेंसी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी”।–IPS अर्पण यदुवंशी, पुलिस कप्तान।

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