- पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मामले से अवगत होने के बावजूद बने हैं मुकबधिर, उक्त मार्ग से हर रोज सैकड़ों मवेशी, स्कूली बच्चे और ग्रामीण करते हैं आवाजाही
मोरी uttarkashi,, विकासखंड के हनोल–मोरी मोटर मार्ग पर खूनीगाड़ के पास टौंस नदी पर बना झूला पुल जर्जर हो चुका है। ग्रामीण यहां जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है। यह पुल क्षेत्र के करीब 11 गांव को जोड़ता है। 70 मीटर के पुल (स्पान) पर 04 जगह पर बड़े–बड़े छेद बने हैं। जिससे कई बार घोड़े/खच्चर, स्कूली बच्चे ग्रामीण चोटिल हो चुके हैं। ग्रामीणों ने स्पान पर बने छेदों को भरने के लिए टीन लगाकर बाहर से पत्थर रखें है। जिससे अनहोनी होने का खतरा बना हुआ है।
विकासखंड मोरी के बुडोत्रा, बिंदरी, देवती, ओगमेर, बिजोत्ती, मांदल, थली, बामसू, सरास, ओडाटा, पेतड़ी आदि गांवों की आवाजाही हेतु टौंस नदी पर बना झूला पुल जर्जर हो चुका है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है। थली गांव निवासी सतेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस मार्ग से हर रोज ग्रामीण, स्कूली बच्चे और सैकड़ों पशु आवाजाही करते हैं। पुल पर चार जगह बड़े–बड़े छेद बने हुए हैं। इस बारे में कई बार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को लिखित/मौखिक में अवगत कराया गया है। लेकिन कोई भी अधिकारी ग्रामीणों की समस्या सुनने को तैयार नहीं है। जिससे कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। पुल से आवाजाही करते समय कई बार बच्चे, ग्रामीण व पशु चोटिल भी हो चुके हैं। लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि इस पुल पर आखरी बार 2007-2008 में डामरीकरण हुआ था इसके बाद कोई भी कार्य न होने के कारण पुल जर्जर हो चुका है। उन्होंने जिला प्रशासन से मामले का संज्ञान लेते तत्काल पुल कि मरम्मत कराने की मांग की है। साथ उन्होंने ने बुडोत्रा में बारी बरसात में भूस्खलन होने के बाद प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय भवनों को बने खतरे से बचाने के लिए उक्त स्थान पर समय रहते सुरक्षा दीवार लगाने की मांग की।