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शासन/प्रशासन की अनदेखी! तल्डा के ग्रामीणों ने अब खुद तैयार किया कमल नदी पर सुगम आवागमन को लकड़ी का पुल

पुरोला uttarkashi,, विकासखंड पुरोला के तल्डा के ग्रामीणों ने शासन/प्रशासन की अनदेखी के कारण 1 साल पहले आई आपदा में बही पुलिया की जगह सुगम आवागमन के लिए खुद लकड़ी का पुल तैयार कर मिशाल पेश की है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिया को बहे एक साल हो चुका है, कई बार स्थानीय विधायक और प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्होंने अनदेखी कर रखी है। जिससे समस्या जस की तस बनी है। कहा इससे पहले उक्त स्थान पर आवागमन के लिए पत्थरों का पुल बनाया गया था, जो कि बीते दिनों हुई बरसात में बह गया। जिससे लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं, और शासन/प्रशासन अनहोनी के इंतजार में?

ग्रामीणों/स्कूली बच्चों को आवागमन में दिक्कत : तल्डा गांव में 40 परिवार निवासरत हैं, उनकी रोजी–रोटी खेतीबाड़ी पर निर्भर है। किसानों को अपनी नगदी फसल को सड़क मार्ग पर पहुंचाने के लिए करीब 5 किमी की अतिरिक्त दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है। इतना ही नहीं यहां रेशम बाग और प्राथमिक विद्यालय भी है। उसके बावजूद शासन/प्रशासन आंखें मूंद बैठा है?

आपको बताते चलें कि कमल नदी पर सुनारा छानी के पास तल्डा के ग्रामीणों के लिए बनी RCC पुलिया गत वर्ष आई आपदा की भेंट चढ़ गई थी। तब से उक्त स्थान पर अभी तक नई पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके चलते ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं।

पुलिया बनाने में इनका रहा सहयोग : युवा समाजसेवी ऋतिक चमोली, दीवान सिंह, यशवीर नेगी, अनिल रावत, सोबन सिंह रावत, गजेंद्र रावत, विपिन रावत, हरवीर राणा, हरेंद्र राणा, प्रेम सिंह राणा, सोहन लाल, हरदेव सिंह अन्य ग्रामीण रहे।

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