- क्षेत्र बिजली की व्यवस्था को छोड़ अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं से है वंचित, करीब 4500 लोगों की आबादी करती है वास, सुध लेने वाला कोई नहीं!
पुरोला uttarkashi,, जनपद उत्तरकाशी का दूरस्थ क्षेत्र सर बडियार 21वीं सदी में भी विकास की राह ताक रहा है। क्षेत्र के लोग अबतक मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं। क्षेत्र के लिए अधूरी सड़क तो कटी है, उसकी स्थिति बहुत खराब है, जिसके कारण लोग हीच कोले खाते हुए सफर करने को मजबूर हैं। स्थानीय लोग इसके लिए जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार मानते हैं, उनका कहना है कि यहां जो भी जनप्रतिनिधि बनता है, वही यहां से पलायन कर शहरों में बस जाता है।
जनपद उत्तरकाशी का सर बडियार क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है। एक मात्र बिजली की व्यवस्था को छोड़ अन्य सभी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। सर बडियार (क्षेत्र के 8 गांव डिंगाड़ी, सर, लेवटाडी, पोंटी, छानिका, किमडार, कसलों, गौल में करीब 4500 लोगों की आबादी वास करती है, लेकिन यहां न तो मोबाइल की कनेक्टिविटी है, न सड़क, न पेयजल की व्यवस्था और पैदल मार्गों की स्तिथि बहुत दयनीय है, स्वास्थ्य सुविधाएं तो बहुत ही खराब है। जिससे यहां रहने वाले वासिंदों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 21वीं सदी में मूलभूत सुविधाओं से अपने को वंचित पाने वाले लोगों का कहना है कि यहां का जो भी नेता बनता है (जैसे प्रधान, क्षेत्र पंचायत, या जिला पंचायत) वह यहां से पलायन कर बड़े शहरों में बस जाता है। जिसके कारण क्षेत्र के विकास के पहिए थम रखे हैं। हालत इस कदर है की एक बरसात हो जाए तो रास्ते कीचड़ से पट जाते हैं, जिसके बाद मनुष्य तो छोड़ो पालतू जानवरों का चलना भी दुश्वार हो जाता है।