Yamunotri times team ground ‘जीरो’ से
बड़कोट uttarkashi,, चारधाम यात्रा अपने पिक सीजन पर है। हर रोज बड़ी संख्या में तीर्थयात्री धामों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। जो स्थानीय व्यवसायियों के लिए अच्छी बात भी है। लेकिन यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग और शौचालयों की गन्दगी तीर्थयात्री परेशान हैं। पैदल मार्ग की हालत काफी खराब है। रास्ते में जगह–जगह कीचड़ के थेपड़े व पानी भरा है। जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस ओर प्रशासन भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है? जबकि यमुनोत्री धाम से हर वर्ष करोड़ों रुपए का राजस्व इकठ्ठा होता है। फिर इन रास्तों/शौचालयों की दयनीय हालत के लिए कौन जिम्मेदार है??
रास्तों की हालत खराब : यमुनोत्री यात्रा में जाम के झाम से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग के तौर पर वन विभाग के मार्ग भंडेली गाड़ से यमुनोत्री धाम तक प्रयोग किया जा रहा है। मार्ग की हालत बेहद खराब बनी है। मार्ग पर जगह/जगह कीचड़ ही कीचड़ है। कई जगह रास्ता टूट–फूट रखा है और कई जगह पानी भरा है। और साफ–सफाई करने वाला कोई नहीं है। रास्ते की सीढ़ियां काफी ऊंची है। जिससे कई बार यात्री घोड़े से गिरकर चोटिल हो चुके हैं। कई घोड़े इस रास्ते पर दम तोड़ चुके हैं।
शौचालय में लगा है गन्दगी का अंबार : यमुनोत्री के मुख्य पैदल मार्ग पर साफ/सफाई का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल के पास है, लेकिन उनके सफाई कर्मचारियों को तीर्थयात्रियों को दक्षिणा मांगने से फुर्सत नहीं रहती है। तो शौचालय की सफाई कब करेंगे। स्तिथि ये है कि 19 कैंची के बीच में बने शौचालय में प्लास्टिक की बोतले व गन्दगी भरी पड़ी है। और सफाई कर्मचारी काम न करके यात्रियों को परेशान कर पैसे मांगते रहते हैं।
घोड़ा/खच्चर, डंडी/कंडी वालों से पैदल चलने वाले तीर्थ यात्री परेशान : यमुनोत्री पैदल मार्ग की चौड़ाई कम होने से घोड़ा/खच्चर, डंडी/कंडी वालों की टक्कर से कई पैदल यात्री चोटिल हो चुके हैं। कई बार यात्रियों और घोड़ा/खच्चर, डंडी/कंडी वालों की यात्रियों से बहस भी हो जाती है। यह लोग यात्रियों के साथ सही व्यवहार भी नहीं करते हैं। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।