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प्रथम धाम यमुनोत्री में स्नान घाट और जल भरने की व्यवस्था न होने से तीर्थयात्रियों को उठानी पड़ रही है परेशानियां?

बड़कोट uttarkashi,, उत्तराखंड राज्य को यूपी से पृथक हुए 23वां साल बीतने को है। लेकिन राज्य की हालत जस की तस है। इन 23 सालों में राज्य की कमान 10 मुख्यमंत्रियों के हाथों में रही। लेकिन आजतक कोई भी सीएम दर्शन करने यमुनोत्री धाम नहीं जा सका है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, यमुनोत्री धाम तक न गाड़ी की व्यवस्था है, न ही हेलीसेवा की। जिसके कारण किसी भी सीएम ने यमुनोत्री धाम तक पैदल जाने की जहमत तक नहीं उठा सके। जिसके कारण यमुनोत्री धाम का विकास अधर में है? चारों धामों में प्रथम यमनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों के लिए यमुना नदी किनारे स्नान घाट नहीं बनें हैं और ना ही यहां मां यमुना का जल भरने हेतु कोई उचित व्यवस्था है। जिससे तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषकर महिला तीर्थ यात्री खुल्ले में स्नान करने को मजबूर हैं। समाजसेवी महावीर पंवार (माही) ने शासन/प्रशासन से यमुनोत्री धाम की व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की है।

यमुनोत्री धाम में हर वर्ष लाखों तीर्थ यात्री दर्शन को आते हैं, उनकी मां यमुना के प्रति अटूट आस्था ही है, कि वे यहां से मां यमुना का जल भी भरकर ले जाते हैं। लेकिन यहां जल भरने हेतु कोई उचित स्थान नहीं बनाया गया है। जिससे तीर्थ यात्री कहीं से भी जल भरने को मजबूर हैं। धाम में देश/विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए उत्तराखंड सरकार और केंद्र की मोदी सरकार व उत्तरकाशी जिला प्रशासन से यहां सुंदर भव्य दिव्य स्नान घाट का निर्माण करना चाहिए, जिससे तीर्थयात्रियों को सहूलियत मिल सके। –महावीर पंवार (माही), सामाजिक कार्यकर्ता।

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