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Silkyara Tunnel Rescue : 41 श्रमिकों का सूर्य की रोशनी देखने का इंतजार बढ़ा, शुक्रवार तक उम्मीद

ब्रह्मखाल uttarkashi,, सिलक्यारा सुरंग में भू–धंसाव के कारण फंसे मजदूरों का सूर्य की रोशनी देखने का इंतजार बढ़ गया है। उम्मीद है शुक्रवार को सभी श्रमिक सुरंग से बाहर आ जायेंगे। सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में गुरुवार को अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग की गई। सचिव, उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 45 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी। 45 मीटर से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े (सरिया) के मशीन में फसने से ड्रिलिंग में बाधा सामने आ खड़ी हुई थी। देर रात श्रमिक प्रदीप यादव एवं बलविंदर द्वारा पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काट दिया गया है। आगे का कार्य भी पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है। पुनः ऑगर मशीन से स्थापित कर ड्रिलिंग शुरु करते हुए 1.8 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग की गई है। आगे की ड्रिलिंग हेतु विशेष सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने कहा पूरी सावधानी बरतते हुए तेजी से ड्रिलिंग करना हमारी प्राथमिकता है। इस दौरान एमडी NHIDCL महमूद अहमद, डीएम अभिषेक रूहेला, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी सहित अन्य अधिकारी रहे।

बाबा बौखनाग ने रेस्क्यू टीम को दिया श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का वचन

यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को रेस्क्यू के 12वें दिन बाबा बौखनाग की डोली भक्तों के साथ टनल के मुख्य द्वार पर पहुंची। बाबा ने अपने पश्वा (माली) पर अवतरित होकर सुरंग में भू–धंसाव के कारण फंसे मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू करने का वचन अभियान में लगे  सभी लोगों को दिया। इस दौरान सुरंग के आसपास बाबा बौख नाग के जयकारों से गुंजायमान रहा।

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