Uttarkashiकिसानक्राइमसमस्या

“फसल बीमा की खामियों में जल्द सुधार न किया, तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे किसान” : भुवन विक्रम डबराल

नौगांव uttarkashi,, हिमालय राज्यों के प्रमुख भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य/ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड भुवन विक्रम डबराल ने आज नौगांव शिव मंदिर प्रांगण में किसानों के साथ बैठक कर फसल बीमा की समस्याओं को सुना। साथ ही जल्द काश्तकारों की समस्याओं को मुख्यमंत्री से सामने रख समाधान का आश्वासन दिया है। साथ ही समाधान न होने पर उग्र आंदोलन को चेताया है।

सुनें क्या बोला गोलू डोभाल ने…

सोमवार को नौगांव नगर पंचायत के शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित किसान संघ जिलाध्यक्ष उत्तरकाशी गोपाल डोभाल उर्फ गोलू के नेतृत्व में काश्तकारों की चौपाल आयोजित की गई। चौपाल में हिमालय राज्यों के प्रमुख किसान संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य/पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल ने शिरकत कर फसल बीमा में आ रही समस्याएं सुनी। उन्होंने फसल बीमा क्लेम के साथ एसबीआई इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा फसल बीमा क्लेम के साथ की गई छेड़छाड़ का समाधान न करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

चौपाल में भाटिया, तुनाल्का, कोटियाल गांव, मटेली, बिंगसी, रष्टाडी ,किमी, नैनी, नौगांव गांव, कुंड, खांसी, बलाडी, जरडा, धारी, मुरारी, मुंगरा, थली ,कंसोला, भंकोली, छमरोटा, देवलसारी, बगासू ,पलेठा, सुनारा, मंजेली, सपेटा आदि के गांव के काश्तकार उपस्थित रहे।

ये रहे उपस्थित

पूर्व BDC संदीप डोभाल, गिरवीर राणा, श्वेता बंधानी, विजय पाल रावत, नैन सिंह, कुलदीप रावत, प्रमोद राणा ,संजय राणा, अनिल डोभाल, प्रवीण बंधाणी, सुशील नौटियाल, विपिन बंधाणी, अभिषेक, दिगंबर सिंह, सोवेंद्र सिंह रावत, अरुण सुंदरियाल सहित अन्य काश्तकार रहे।

समस्याएं/सुझाव

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पोर्टल में लगातार छेड़खानी करना और साथी 10 जनवरी से 4 फरवरी 2025 को क्लेम को बदलना।
  • सेब के बड़े फलदार पेड़ एक नाली में 6 पेड़ की जगह सरकार कम से कम एक नाली में पेड़ों की संख्या बढ़ाकर 20 पेड़ कर दे इसी मानक के आधार पर अमल में लाया जाए।
  • फलदार पेड़ 20 पेटी से अधिक फल देता है छोटे पेड़ों के मुताबिक उनकी बीमित राशि बढ़ाया जाए।
  • जिस समय पर बीमा करवाया गया था उसे समय भूमि हिस्सा प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। उसके 15 महीने बाद भूमि हिस्सा प्रमाण पत्र लिया जा रहा है।
  • जो आकलन पूर्व में कंपनी द्वारा पोर्टल में दर्शाया गया उसी आधार पर मुआवजे के आंकलन को किसानों को भुगतान किया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button