- “सतलुज जल विद्युत निगम” के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने दबाया बटन
मोरी uttarkashi,, “सतलुज जल विद्युत निगम” के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने आज बटन दबाकर मोरी में 60 मेगावाट की नैटवाड़–मोरी जलविद्युत परियोजना की प्रथम यूनिट की मैकेनिकल स्पिनिंग की शुरुआत की। इस मौके पर शर्मा ने कहा कि टरबाइन जेनरेटर एवं जल प्रवाह संबंधी सहायक उपकरणों की स्पिनिंग, इकाइयों के सिंक्रनाइज़ेशन की अंतिम तैयारी का संकेत है। जलविद्युत परियोजना घटकों को भरने के लिए प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों के अनुसार बैराज और हेड रेस टनल में जल भराव किया गया है। इस दौरान दौरान, नन्द लाल शर्मा ने बैराज, पावर इनटेक, डिसिल्टिंग टैंक, मशीन हॉल और स्विचयार्ड इत्यादि साइटों का दौरा भी किया। शर्मा ने यमुना परिसर में नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन करते हुए पूजा और हवन भी किया। उनके साथ गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), ए.के. सिंह, निदेशक (वित्त), सुशील शर्मा, निदेशक (विद्युत), जे.एस. नैय्यर (परियोजना प्रमुख) और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
कर्मचारियों, ठेकेदारों और श्रमिकों को संबोधित करते नन्द लाल शर्मा ने परियोजना को कमीशनिंग चरण में लाने में उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने हमें उत्तराखंड की विशाल जल विद्युत क्षमता के दोहन के लिए एक कदम और करीब ला दिया है। 60 मेगावाट की नैटवाड़–मोरी जलविद्युत परियोजना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में टौंस नदी से ऊर्जा दोहन करने के लिए बनाई गई “रन ऑफ द रिवर” परियोजना है। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 265.5 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादित होगी। एसजेवीएन ने नैटवाड़–मोरी जलविद्युत परियोजना के बैनोल से सनैल तक विद्युत निकासी हेतु 37 किमी 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया है। एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत परियोजना क्षेत्र एवं इसके आस-पास के इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा, ढांचागत विकास कार्यों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे- मोबाईल हेल्थ वैन, स्वास्थ्य शिविर, महिला एवं बाल विकास योजना, एसजेवीएन की तकनीकी शिक्षा योजना के तहत स्थानीय युवाओं को आईटीआई प्रशिक्षण के लिए प्रायोजित करना, परियोजना क्षेत्र में ढांचागत विकास के अन्तर्गत रास्तों, शौचालयों, पानी के टैंको का निर्माण कार्य व स्ट्रीट लाइटों का मुहैया करवाना आदि विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे है। तथा आर एण्ड आर प्लान के अधीन आर एण्ड आर प्रशासक के माध्यम से अभी तक लगभग रुपए 0 7.93 करोड़ के कार्य करवा चुकी है, जिसका लाभ परियोजना प्रभावित गांवों को हुआ है। यह उपलब्धि गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से ऊर्जा का दोहन करने की एसजेवीएन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सतत शील भविष्य की ओर बढ़ते हुए, एसजेवीएन का लक्ष्य वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी बनने का है।