क्राइमयूथसामाजिकस्वास्थ्य

Big breking : प्राकृतिक संपदा “किंगोड/कसमोल” की जड़ों को खोद कर प्रकृति से पंगा लेते मानव, यमुनाघाटी में किंगोड की जड़ का दोहन जारी, सुध लेने वाला कोई नहीं! 

नौगांव uttarkashi,, जब हम सब लोग मिलकर प्रकृति का ख्याल रखेंगे तो ही वह हमारा ख्याल रखेगी। जब प्रकृति स्वस्थ रहेगी तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे। लेकिन यमुनाघाटी के अपर वन प्रभाग बड़कोट/टौंस वन प्रभाग में आजकल प्रकृति को बीमार करने के लिए वन संपदा “किंगोड/कसमोल” की जड़ों का दोहन कर अपने भविष्य के लिए खतरा मोल ले रहे हैं। यमुनाघाटी में आजकल किंगोड/कसमोल” की जड़ों को खोदने का एक ट्रेंड सा चला है। जहां देखो वहां किंगोड की जड़े खोदी जा रही है। हर रोज वन विभाग के बैरियरों से ओवर लोड ट्रक के ट्रक गुजर रहे हैं। बैरियरों के पास बनी चौकियों पर दिन में ही ताले लगे रहते हैं। वहीं जब इस मामले को लेकर प्रभारी डीएफओ सुबोधा काला से बात की गई तो उन्होंने मामले को लेकर खुद को परेशान बताया है।

जानकारी के अनुसार यमुनाघाटी के अपर यमुना वन प्रभाग और टौंस वन प्रभाग में इन दिनों प्राकृतिक संपदा “किंगोड/कसमोल” की जड़ो का खूब दोहन किया जा रहा है। लोग चंद पैसे के स्वार्थ के लिए इसका कारोबार कर रहे हैं। जहां देखो वहां लोग किंगोड/कसमोल की जड़े खोदने में लगे हैं। और सुध लेने वाला कोई नहीं। समाज सेवी राजपाल पंवार पुरोला और विजय बत्रा मंजयाली नौगांव का कहना है लोग चंद पैसों के स्वार्थ के लिए प्राकृतिक संपदा “किंगोड/कसमोल” की जड़ों को खोद–खोद कर नष्ट करने में लगे हैं जिनके सहारे सभी प्राणी जिंदा हैं, यह सम्पदा हमारे जीवन की रक्षक होने के साथ पशु/पक्षियों का सहारा भी है। किंगोड/कसमोल की कंटीली झाड़ियों का दोहन अगर इसी गति से जारी रहा तो, ओ दिन दूर नहीं जब इस प्रजाति का अस्तित्व ही मिट जाएगा। और आने वाली युवा पीढ़ी देख भी नहीं पाएगी किंगोड/कसमोल क्या था? उन्होंने इस कार्य में लगे सभी लोगों से किंगोड की जड़ों का दोहन बंद करने की अपील की है। कहा अगर हम प्रकृति को संरक्षित नहीं रख सके तो आने वाला समय हमारे अस्तित्व के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button