- बड़कोट, नौगांव और पुरोला निकाय में प्रत्याशियों के प्रचार ने पकड़ी रफ्तार, वार–पलटवार का दौर जारी
बड़कोट/नौगांव/पुरोला uttarkashi,, उत्तराखंड में निकाय चुनाव के मतदान का समय जैसे–जैसे नजदीक आ रहा है। प्रत्याशी अब वोटरों को लुभाने के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। आलम यह है कि मतदाता सुबह बिस्तर से उठ भी नहीं पाते हैं, और प्रत्याशी की दस्तक दरवाजे पर होती है। जिसके बाद देर रात तक डोर टू डोर प्रचार कर वोटरों को लुभाने का सिलसिला अनवरत जारी रहता है।
बड़कोट नगर पालिका
नगर पालिका परिषद बड़कोट में अध्यक्ष पद के लिए 8 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, और सभी के द्वारा जीत की जद्दोजहद जारी है। यहां भाजपा ने कुछ ही महीने पहले पार्टी का दामन थामने वाले अतोल सिंह रावत पर दांव खेला है तो, दूसरी ओर कांग्रेस ने विजय पाल रावत को टिकट देकर मैदान में उतारा है। और 6 (राजाराम जगुड़ी, सुनील थपलियाल, अजय सिंह रावत, सोबेंद्र सिंह राणा, पुरण सिंह रावत) प्रत्याशी निर्दलीय मैदान में उतरे हैं, जिनमें विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल के छोटे भाई विनोद डोभाल ‘कुतरू’ ने निर्दलीय नामांकन भर राष्ट्रीय पार्टियों की बेचैनी बढ़ा रखी है। क्योंकि ‘कुतरू’ की चुनाव जीतने की रणनीति कुछ अलग ही है। जिससे विरोधी उम्मीदवार उन पर मंचों से अब तीखे वार करने से पीछे नहीं छुट रहे हैं। सभी प्रत्याशी डोर टू डोर कैंपेन कर वोटरों को लुभाने के लिए एडी चोट का जोर लगा रहे हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी अतोल सिंह रावत अपने पूर्व के कार्यकाल में किए गए कार्यों को लेकर चुनाव मैदान में है।
पुरोला नगर पालिका
पुरोला नगर पालिका में मुकाबला भाजपा–कांग्रेस के बीच फंसता नजर आ रहा है। यहां भाजपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी अमीचंद शाह और प्रकाश लाल दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं। पुरोला पालिका में भाजपा ने प्यारे लाल हिमानी को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस ने बिहारी लाल शाह पर दांव खेला है। 5वें प्रत्याशी हरिमोहन जुवांठा भी मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं। पुरोला में राष्ट्रीय पार्टियों के लिए निर्दलीय खतरे की घंटी बजा रहे हैं।
आरक्षण का हाल विधानसभा पुरोला : पुरोला विधानसभा में पड़ने वाली दोनों निकाय की सीटों (नगर पंचायत नौगांव व पुरोला नगर पालिका) यहां लोगों में सरकार के खिलाफ जबरदस्ती आरक्षण थोपने को लेकर भारी नाराजगी है। क्योंकि यहां विधासनभा की सीट भारत देश की आजादी के बाद से ही SC के लिए आरक्षित है और इस बार विधानसभा में पड़ने वाली निकाय की मात्र 2 सीटें जो पहले सामान्य महिला के लिए आरक्षित थी और बाद में फेरबदल कर SC के लिए आरक्षित करने पर भारी रोष बना है। जिससे मुकाबले त्रिकोणीय बने हैं। आपको बताते चलें कि इस विधानसभा में सवर्णों की संख्या करीब 80 प्रतिशत है। उसके बावजूद SC के लिए सीटें आरक्षित करने का सिलसिला अनवरत जारी है। सीटों में फेरबदल का सीधा आरोप स्थानीय विधायक पर लग रहे हैं।
नौगांव नगर पंचायत में भाजपा ने विजय लाल और कांग्रेस ने विपिन कुमार पर दांव खेला है। लेकिन यहां टिकट से वंचित रहे राज्यमंत्री राजकुमार के भाई यशवंत कुमार ने निर्दलीय मैदान में उतरकर राष्ट्रीय पार्टियों की नींद उड़ा रखी है। वहीं एक ओर निर्दलीय प्रत्याशी जय प्रकाश इंदवाण ने नगर के विकास का नया खाका जनता के सामने रख कर अपने पक्ष में वोटरों को जोड़ने में जुटे हैं।
अब ये तो आने वाली 25 जनवरी को ही पता चलेगा कि तीनों निकायों में ताज किसके (भाजपा/कांग्रेस या निर्दलीय) के सर सजेगा?