आराकोट/मोरी uttarkashi,, बीते रात्रि (बुधवार) तहसील मोरी के आराकोट क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि के दौरान आए आंधी–तूफान ने काश्तकारों की नगदी फसल सेब खराब (दागी) हो गई। पेड़ों पर तैयार सेब की फसल लगभग 80 प्रतिशत झड़ गई। कई जगह पेड़ उखड़ गए। जिससे काश्तकारों के सामने रोजी–रोटी का संकट पैदा हो गया है। पीड़ित काश्तकारों ने स्थानीय प्रशासन/बीमा कंपनी से मौके का मुआयना कर उचित मुआवजे की मांग की है।
बुधवार रात्रि को जनपद उत्तरकाशी के दूरस्थ तहसील मोरी के आराकोट में अतिवृष्टि के दौरान आए आंधी–तूफान ने काश्तकारों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिससे उनके चेहरों पर मायूसी सी छा गई है। काश्तकार चमन नौटियाल का कहना है कि डगोली, मोंडा, बलावट, चिंवा, जागटा, झोटाड़ी, गोकुल, माकुड़ी, दूचाणू, किराणू, कलिच, थूनारा, किरोली, भूटाणू, बेगल में सेब की फसल बिल्कुल मार्केट के लिए तैयार थी, लेकिन बुधवार रात्रि को आए आंधी–तूफान से 80 प्रतिशत फसल खराब हो गई। कई जगह पेड़ उखड़ गए, कई जगह सारी फसल पेड़ से नीचे गिर कर खराब (दागी) हो गई। जिससे काश्तकारों के सामने रोजी–रोटी का संकट पैदा हो गया है। काश्तकारों की आजीविका सेब पर ही निर्भर है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और बीमा कंपनी के अधिकारियों से मौके का मुआयना कर उचित मुआवजा देने की गुहार लगाई है।
चीड़ के पेड़ के नीचे आने से बकरियों की मौत : अतिवृष्टि के दौरान अत्यधिक तूफान चलने से होशियार सिंह निवासी कलीच के बकरियों के ऊपर दो विशाल काय चीड़ के पेड़ गिरने से करीब 50 बकरियों की मौत हो गई। इस हादसे में बाल–बाल बचे हैं। तहसील मोरी अन्तर्गत रात्रि में ग्राम कलीच, पट्टी बगाण के कास्टा रेंज की विष्याली तोक में भेड़ बकरी के डेरे में पेड़ गिरने से 03 भेड़ पालक सन्तोष, राजकिशोर, व्यापारी के घायल होने एवं 19 भेड़/13 बकरियां कुल 32 भेड़/बकरियों की मृत्यु हुई हैं। तथा कुछ भेड़/बकरियों की घायल होने की सूचना हैं। तहसीलदार, राजस्व उप निरीक्षक, स्वास्थ चिकित्सा, पशुचिकित्सा तथा वन विभाग की टीम घटना स्थल पर जांच की जा रही हैं।