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विद्यालय भवन की बाट जोह रहा है जीजीआईसी पुरोला, दो मुख्यमंत्रियों की घोषणा हुई हवा–हवाई साबित !

पुरोला uttarkashi,, भाजपा सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्थाओं के बड़े–बड़े दावे करती तो है। लेकिन हकीकत कुछ बयां कर रही है। जनपद उत्तरकाशी के जीजीआईसी पुरोला में  भवन के अभाव के चलते एक ही कक्ष में दो सेक्शन (A व B) संचालित किए जा रहे हैं। जिससे छात्राओं का पठन/पाठन प्रभावित हो रहा है। यहां विद्यालय भवन के लिए दो मुख्यमंत्रियों (वर्ष 2013 में तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा और 2019 में सीएम त्रिवेंद्र रावत) ने एक कार्यक्रम में घोषणा की थी, लेकिन उसको आजतक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।

बताते चलें कि 407 छात्राओं की विद्यास्थली जीजीआईसी पुरोला आज भी जूनियर हाई स्कूल के भवन में संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2005 में हाईस्कूल से इंटरमीडिएट में उच्चीकरण हुए इस विद्यालय को 18 वर्ष बीतने के बाद भी अपना भवन नहीं मिल पाया है। जिसके कारण दो सेक्सन (A व B) एक ही कमरे में संचालित किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है, प्रधानाचार्य, भौतिक विज्ञान, राजनीति विज्ञान, गृह विज्ञान प्रवक्ता तथा हिन्दी, गणित, सामान्य के सहायक अध्यापक के पद काफी समय से रिक्त चल रहे है। जिससे छात्राओं का पठन/पाठन प्रभावित हो रहा है।

भवन न होने के कारण दो–दो सेक्शन एक ही कमरे में संचालित किए जा रहे है। साथ ही प्रधानाचार्य, तीन प्रवक्ता, चार सहायक अध्यापक व  तीन चपरासी के पद भी रिक्त चल रहे है। जिससे छात्राओं का पठन/पाठन प्रभावित हो रहा है।– ऋतंबरा सेमवाल, प्रभारी प्रधानाचार्य जीजीआईसी पुरोला।

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