- शिकायतों का निराकरण न होने के चलते होने लगा है फरियादियों का मोह भंग
Uttarkashi,, जनपद में आयोजित होने वाले शिकायत निवारण जनता मिलन कार्यक्रम शो फीस बनकर रह गए हैं। शिविरों में फरियादी शिकायतें लेकर आते तो हैं, लेकिन समाधान नहीं होता है। अधिकारी इतने निठल्ले बन बैठे की। डीएम के आदेशों को भी दरकिनार कर देते हैं। जिससे अब फरियादियों का जनता मिलन कार्यक्रम (शिकायत निवारण/तहसील दिवस) से मोह भंग होने लगा है। इसका सबसे बड़ा कारण है जिले भी जब दूसरी बार शिकायत निवारण शिविर आयोजित होता है, तो वही पुरानी समस्या अधिकारियों की टेबल को घेर देती है। जिससे अब ऐसे कार्यक्रम खानापूर्ति मात्र बनकर रह गए हैं।
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय में शिकायत निवारण जनता मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर 21 मामले प्रस्तुत किए गए। डीएम ने संबंधित विभागों को जन-समस्याओं व शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित निस्तारण करने की हिदायत देते हुए कहा कि सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निस्तारण की भी समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि अब शिकायतों को तत्काल मुख्यमंत्री जन समर्पण पोर्टल पर दर्ज कर अधिकतम 14 दिनों में निस्तारण किए जाने की व्यवस्था की गई है। पोर्टल के जरिए शिकायतों के त्वरित व प्रभावी निस्तारण की नियमित निगरानी और समीक्षा की जाएगी।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित शिकायत निवारण जनता मिलन कार्यक्रम में पेयजल, सड़क, सिंचाई से संबंधित मामले प्रमुखता से उठाए गए। डीएम ने गमदीड़ गांव के बुत खाल तोक में पेयजल योजना के पाइपों को दुरस्त किए जाने 15 दिन में ठीक करने, मसोन गांव में नए स्रोत से पानी की आपूर्ति के लिए अतिरिक्त डीपीआर को मंजूरी देने सहित दंदालका गांव की छानियों मे रहने वाले परिवार को जल संयोजन देने तथा धनेटी पेयजल योजना की मरम्मत में भविष्य में संभावित विवाद का समाधान करने के मामले में जल संस्थान व जल निगम के अधिकारियों को कार्रवाई करने की हिदायत दी। जिला मुख्यालय पर ताँबा खानी सुरंग से सटे क्षेत्र में खुली नालियों व कूड़ा डाले जाने के मामले में जिलाधिकारी ने नगर पालिका को नालियों पर जाली डालने व कूड़ा नाली में डालने वाले लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में सीवर लाईन डाले जाने के संबंध में जल निगम की गंगा इकाई को लिखा जाएगा। थाती धनारी की ग्राम प्रधान श्रीमती तनुजा चौहान द्वारा प्राथमिक विद्यालय के क्षतिग्रस्त अतिरिक्त कक्ष से संभावित खतरे को देखते हुए इसे तत्काल ध्वस्त कर मलवा हटाए जाने की मांग की। जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले में खतरे की संभावना वाले सभी क्षतिग्रस्त विद्यालय भवनों व कक्षों को तय समिति के माध्यम से चिन्हित कर उन्हें नियमानुसार सुरक्षित तरीके हटाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। जिलाधिकारी ने पिपली में 108 सेवा की एंबुलेंस की तैनाती किए जाने में मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल कार्रवाई करने के साथ ही क्षेत्र की सड़कों, पेयजल, संचार आदि से जुड़ी समस्याओं पर भी संबंधित विभागों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। दिगबीर सिंह बिष्ट द्वारा सड़क निर्माण के कारण बरसाली के हुणिया तोक में क्षतिग्रस्त पेयजल योजना की मरम्मत की मांग किए जाने पर जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई से इस बावत रिपोर्ट देने को कहा है। भंकोली गांव के धनराम सिंह ने गांव के पंजाई व कुछरी तोक में बंजर खेतों को आबाद करने के लिए घेरबाड़ किए जाने का मामला प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने कृषि और ग्राम्य विकास के अधिकारियों को मनरेगा के तहत कनवर्जेंस कर खेती की घेरबाड़ का प्रस्ताव तैयार करने की हिदायत दी।
प्रधान सोन माला देवी ने स्याबा गांव के लिए पीएमजीएसवाई द्वारा निर्माणाधीन सड़क हेतु वन भूमि अंतरण की अनुमति दिए जाने का मामला रखा। जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में वन एवं पर्यावरण कमंत्रालय भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय से पुनः अनुरोध किया जाएगा। राजकेन्द्र सिंह थनवाण ने भटवाड़ी विकास खंड कार्यालय के पुराने भवन पर तहसील को शिफ्ट किए जाने की आग्रह किया। डीएम ने इस मामले में संबंधित विभागों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए अनेक शिकायतकर्ताओं से दूरभाष पर वार्ता कर उनके मामले के निस्तारण हेतु की गई कार्रवाई की जानकारी दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने जिला योजना सहित विभागीय कार्यकलापों की प्रगति की समीक्षा भी की।
फरियादी बोले,, जब शिकायतों का निस्तारण करना ही नहीं है, तो क्यों लगाया जाता है शिविर?
औद्यानिकी जानकर जगमोहन सिंह रावत, भंकोली के धनी राम, नरेश भट्ट आदि लोगों का कहना है कि शिविर में रखी गई समस्याओं का जब समाधान ही नहीं होना है, तो शिविर में आकर क्या फाइदा है। इसलिए फरियादियों ने शिविर में आना छोड़ दिया है। वैसे शिविर में आज गिने चुने फरियादी तो पहुंचे, ओ भी पुरानी समस्या को लेकर। ऐसे में सवाल उठता है, कि आखिर ऐसे शिविर लगाए क्यों जाते हैं?? जब समस्याओं का निस्तारण करना ही नहीं है। वहीं यमुना घाटी से पहुंचे लोगों ने मनरेगा, सिंचाई, पेयजल, वन विभाग के मामलों का अबतक समाधान न होने से नाराजगी व्यक्त की है
ये रहे उपस्थित : अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, एसडीएम भटवाड़ी चतर सिंह चौहान, पुरोला देवानंद शर्मा, बड़कोट मुकेश चंद रमोला, सीओ प्रशांत कुमार, जिला विकास अधिकारी सुधा तोमर, मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, परियोजनाधिकारी डीआरडीए रमेश चन्द्र, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी चेतना अरोड़ा सहित जिला स्तरीय अधिकारियों व तहसीलदारों ने भाग लिया। अन्य क्षेत्रीय अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।