मोरी uttarkashi,, विकासखंड के दूरस्थ क्षेत्र आराकोट–चिवां मोटर मार्ग पर मलाना के पास भूस्खलन बना है नासूर। लेकिन सुनने वाले न जनप्रतिनिधि, ना ही प्रशासनिक अमला है? स्थानीय लोग उक्त मार्ग पर जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। ज्ञातव्य हो क्षेत्र में इन दिनों कास्तकारों का नगदी फसल सेब का सीजन चल रहा है। ऐसे में अगर कोई अनहोनी घटती है, तो उसका जिम्मेदार कौन?
जनपद उत्तरकाशी के सुदूरवर्ती तहसील मोरी के दूरस्थ आराकोट–बंगाण क्षेत्र की जीवन रेखा माने जाने वाली सड़क आराकोट–चिवां मोटर मार्ग पर मलाना के पास भूस्खलन बना है नासूर। समाजसेवी मनमोहन सिंह चौहान का कहना है कि आराकोट बंगाण क्षेत्र की जीवन रेखा माने जाने वाले आराकोट–चिवां के किमी 5 मलाना के समीप मोटर मार्ग पर लगातार भूस्खलन होने से क्षेत्रवासियों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। इसको लेकर जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट एवं विधायक दुर्गेश्वर लाल को क्षेत्र के मुख्य मोटर मार्ग की स्थिति सुधारने के साथ अन्य मुख्य समस्याओं के निस्तारण के लिए नौ ग्राम प्रधानों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपा हैं, लेकिन अबतक कोई कार्यवाही न होने के कारण लोगों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि क्षेत्र में इन दिनों काश्तकारों की नगदी फसल सेब का सीजन चल रहा है। उक्त स्थान पर बड़े वाहनों की आवाजाही बंद हो रखी है, जिस कारण सेब की पेटियों को जान जोखिम में डालकर पीठ पर लादकर ढोना पड़ रहा है। जिससे सेब की फसल मंडी तक समय पर नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने चेतावनी देते कहा कि जल्द मामले का संज्ञान नहीं लिया गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय शासन/प्रशासन की होगी।