Uttarkashi,, डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा है कि जिला खनिज फाउंडेशन न्यास की मद से जिले में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण तथा जन जीवन मिशन से वंचित तोकों में जलापूर्ति की व्यवस्था के लिए प्राथमिकता से धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए विभागों को औचित्यपूर्ण प्रस्ताव पेश करने के निर्देश देते जिलाधिकारी ने कहा है कि मरम्मत एवं दैवी आपदा से संबंधित प्रस्तावों को खनिज न्यास की मद में न रखा जाय।
जिला मुख्यालय पर जिला खनिज फाउंडेशन न्यास की बैठक की बैठक लेते हुए जिलाधिकारी डा. मेहरबान सिंह बिष्ट ने न्यास के तहत पूर्व स्वीकृत कार्यों की प्रगति और लंबित वित्तीय स्वीकृतियों की समीक्षा करने के साथ ही नए प्रस्तावों पर सबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की। डीएम ने कहा कि अन्य स्रोतों से व्यवस्था उपलब्ध न होने पर ही न्यास की मद में प्रस्तावित योजनाओं की स्वीकृति दी जाएगी। परिसंपत्तियों की सामान्य मरम्मत और दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण के कार्य भी खनिज फाउंडेशन न्यास की मद से स्वीकृत नहीं किए जाएंगे। लिहाजा सभी विभाग अपने प्रस्तावों का पुनः भली-भांति परीक्षण कर व्यापक जनहित व सामाजिक -आर्थिक विकास की योजनाओं के प्रस्ताव ही न्यास की मद में स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करें।
डीएम ने कहा कि न्यास के तहत शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ ही अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में उपयुक्त खेल मैदान की व्यवस्था और वर्चुअल क्लासरूम तथा स्मार्ट क्लास से संबंधित व्यवस्थाओं के लिए प्रस्ताव रखे जाए। शिक्षा विभाग के कार्यों के त्वरित संपादन के लिए लोनिवि को भी कार्यदायी संस्था बनाने पर विचार किया जाएगा। डीएम ने कहा कि खनिज न्यास की मद से स्वास्थ्य विभाग को एडवांस लाईफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस की व्यवस्था के साथ ही जिला अस्पताल सहित यमुना घाटी के प्रमुख अस्पतालों की मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए विभाग को संशोधित प्रस्ताव रखने के निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने हिमाच्छादित होने वाले इलाकों के लिए फोर-बाई-फोर व स्नोचेन से युक्त एंबुलेंस तैनात किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
डीएम ने कहा कि “जल जीवन मिशन” के तहत अनेक गांवों में दूरस्थ छानियों व तोकों को आच्छादित न किए जाने के कारण ग्रामीणों के द्वारा निरंतर ऐसे छूटे इलाकों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था किए जाने की मांग की जा रही है। लिहाजा इन छूटे तोकों में जलापूर्ति की व्यवस्था के लिए चरणबद्ध रूप से जिला योजना के साथ ही खनिज न्यास से भी धनराशि उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। डीएम ने कहा कि न्यास के साथ ही अन्य मदों से स्वीकृत कार्यों को समयबद्ध ढंग से व गुणवत्ता के साथ संपन्न कराने के लिए विभागीय अधिकारी नियमित निगरानी करें। एसडीएम के स्तर से भी इन योजनाओं के कार्यान्वयन का अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने अधिकारियों को खनन न्यास सहित अन्य मदों में वाईब्रेंट विलेज एवं आकांक्षी ब्लॉक के साथ ही दूर-दराज के पिछड़े क्षेत्रों को लाभन्वित करने में प्राथमिकता देने की अपेक्षा की।
ये रहे उपस्थित : एसडीएम डुंडा एवं अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत नवाजिश खलीक, सीएमओ डॉ. बीएस रावत, संयुक्त निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग जीडी प्रसाद, जिला शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, अधिशासी अभियंता केएस चौहान (सिंचाई), रजनीश कुमार सैनी (लोनिवि), मधुकांत कोटियाल (जल निगम), भरत राम (लघु सिंचाई), मनोज गुसाईं (यूपीसीएल), डीएस बागड़ी (ग्रामीण निर्माण विभाग), जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल सहित अनेक विभागों के अधिकारी रहे।