- बीते सप्ताह नौगांव विकासखंड के मंजीयाली गांव निवासी चालक नवीन लाल ने लौटाया था, खोया सोने के गहनों से भरा पर्स
पुरोला (मठ) uttarkashi,, कहते हैं न की उत्तराखंड देवभूमि है। यहां कण–कण में देवता वास करते हैं। यहां के लोग भी बहुत ईमानदार होते हैं। जिसका परिचय दिया है, तहसील पुरोला के श्रीकोट गांव निवासी घनश्याम खत्री ने, इन्होंने राजतर बड़कोट के पास सड़क किनारे गिरे सोमेश्वर देवता के सोने के क्षत्र को सोमेश्वर महाराज मंदिर समिति मठ गांव के पदाधिकारियों को सकुशल सौंपा है।
सोमेश्वर महादेव मंदिर समिति अध्यक्ष दर्मियान सिंह पंवार (भूतपूर्व सैनिक) से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते मई माह में सोमेश्वर महाराज गंगनानी में स्नान के लिए गए थे। इसी दौरान देवता का सोने का क्षत्र उड़ गया था और खो गया था। जिसका जिक्र हमने किसी सोशल मीडिया पर न कर सीधे सोमेश्वर महाराज के दरबार में आकर महाराज से पूछा। तब महाराज ने वचन दिया था कि मेरी चीज कहीं नहीं जाएगी, मैं खुद वापस लेकर आऊंगा। बीते सप्ताह बरसात के सीजन को देखते जानकीचट्टी से अपने घोड़े–खच्चर वापस लेकर घर पहुंचे श्रीकोट निवासी घनश्याम खत्री ने स्वपत्नी आज सुबह सोमवार को सोमेश्वर महादेव के दरबार मठ में पहुंचकर क्षत्र को सकुशल वापस लौटा दिया। घनश्याम खत्री ने बताया कि मई माह में यात्रा सीजन के लिए जानकीचट्टी जाते समय राजतर खरादी के पास यह क्षत्र पड़ा मिला था। यात्रा सीजन में रहने के कारण वापसी देने में विलंब लग गया। मंदिर समिति द्वारा इस ईमानदारी के लिए घनश्याम खत्री के दीर्घायु और सकुशल जीवन की कामना करते सोमेश्वर महाराज का मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया।
ये रहे उपस्थित : सचिव विकास पंवार, देवता के माली सुरेंद्र सिंह पंवार, उपेंद्र सिंह पंवार, एलम सिंह पंवार, सतवीर सिंह रावत, जयेंद्र सिंह पंवार, सतवीर सिंह चौहान, रघुवीर पंवार, अंकित पंवार, (व्यापार मंडल महामंत्री पुरोला) त्रिलोक पंवार, रविंद्र सिंह पंवार, पूरन सिंह पंवार, जयदेव पंवार, सूरज मोहन चौहान, शूरवीर सिंह चौहान, रविंद्र पंवार, जयवीर शाह (सोमेश्वर महादेव के सुनार) पुरोहित केशव नौटियाल, आजाद पंवार, सुशील पंवार रहे।