राजनीतिसमस्या

पुरोला/यमुनोत्री विधानसभा में कहीं भाजपा का अंतर्कलह तो नहीं बना भाजपा प्रत्याशी के पिछड़ने का कारण? 

बड़कोट/पुरोला/नौगांव uttarkashi,, देश में लोकसभा चुनाव के परिणाम आ गए है। भाजपा 240 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी रही है। एनडीए गठबंधन ने 292 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाने में जुट गई। इसके लिए बैठकों का दौर शुरू हो गया। टिहरी लोक सभा के दंगल में भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह ने रिकार्ड 2 लाख 72 हजार वोटों से जीत दर्ज की। लेकिन इसमें उत्तरकाशी भाजपा का सहयोग ना के बराबर रहा। उत्तरकाशी जिले में भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार से 17 हजार वोटों से पीछे रही। इतना ही नहीं गंगोत्री विधानसभा में भी भाजपा प्रत्याशी को मात्र 1 हजार की बढ़त मिली है। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा संगठन का अंदरूनी कलह रहा?

दो साल से चल रहा अंतर्कलह : भाजपा संगठन उत्तरकाशी में पिछले काफी समय से अंतर्कलह से जूझ रहा है। जो कई बार सोशल मीडिया पर भी खुलकर सामने देखने को मिला। इन दोनों विधानसभाओं (यमुनोत्री/पुरोला)में संगठन के पदाधिकारियों और जन प्रतिनिधियों में कार्यों का श्रेय लेने की होड़ मची रहती है। जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। इतना ही नहीं पार्टी पदाधिकारियों/कार्यकर्ताओं ने अगर समय रहते सामंजस्य नहीं बैठा तो आने वाले निकाय चुनाव/पंचायत चुनाव पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

भाजपाई पदाधिकारी अपने अपने बूथों पर रहे पीछे : हाल ये रहा कि भाजपा के सभी पदाधिकारी/प्रतिनिधि, पूर्व विधायक अपने बूथों पर भी भाजपा प्रत्याशी को आगे नहीं रख पाए। इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा के कुनबे में सभी को जोड़ना माना जा रहा है। जिसका फायदा निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार को मिला। और उन्होंने जनपद से ही भाजपा प्रत्याशी को करीब 17 हजार वोटों से पीछे कर दिया।

यमुनाघाटी जिले में कांग्रेस फिसड्डी साबित : जहां देश में पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार कांग्रेस पार्टी की सीटों में इजाफा हुआ। लेकिन यमुनाघाटी जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों की निष्क्रियता के चलते कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा। कांग्रेस के सभी पदाधिकारी भी अपने बूथों पर पार्टी प्रत्याशी को वोट नहीं जुटा पाए।

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