बड़कोट Uttarkashi,, रवांई घाटी के गैर बनाल में आयोजित राजकीय पर्व देवलांग बुधवार को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने दूरदराज से पहुंचकर महासू महाराज राजा रघुनाथ से अपने लिए मन्नत मांगी। बनाल पट्टी के दोनों थोक (साठी और पानसाई) के लोगों ने व्रत रखकर श्रद्धा के साथ जंगल से साबुत देवदार के विशालकाय पेड़ को मंदिर प्रांगण में लाया। उसके बाद विशेष पूजा-अर्चना के साथ पेड़ के बाहर छिलके बांधकर उसे तैयार किया गया। तड़के सुबह करीब 6:30 देवलांग को डंडों के सहारे खड़ी कर उस पर आग लगाई गई। लोगों ने कड़कड़ाती ठंड के बीच पूरी रात रासों/तांदी नृत्य कर रात काटी। मेलार्थियों ने देवलांग का खूब लुत्फ उठाया।
क्षेत्र के लोगों के अनुसार पूर्वजों ने बनाल पट्टी के (साठी–पानसाई) लोगों को एकजुट रखने और आपसी भाई चारे को कायम रखने के लिए इस देवलांग पर्व का आयोजन किया था। यह परंपरा तब से लगातार चली आ रही है। क्षेत्र के लोग अपनी परंपरा को संजोए रखने के लिए इस पर्व के लिए बाहर से अपने घरों को पहुंचते जरूर हैं।