ब्रह्मखाल uttarkashi,, सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर आने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि सुरंग में एस्केप टनल बनाने के काम में लगी मशीन में तकनीकी खराबी आ गई है। जिसके कारण रेस्क्यू कार्य रोक दिया गया है। NHIDCL के निदेशक डॉ अंशु मनीष खाल्गे और DM अभिषेक रुहेला ने पत्रकार वार्ता कर जानकारी दी कि सुरंग के अन्दर मशीन के वाइब्रेशन के चलते रेस्क्यू कार्य रोका गया है, ताकि और मलबा न गिरे। मशीन को आराम देने के लिहाज से भी काम रोका गया है। हालांकि, मशीन में तकनीकी खराबी भी रेस्क्यू कार्य में बाधा का कारण बताया जा रहा है। जिस कारण अब रेस्क्यू कार्य कल (शनिवार) शुरू होने की उम्मीद है। NHIDCL के निदेशक डॉ अंशु मनीष खाल्गे ने बताया कि अभी तक सिर्फ 22 मीटर पाइप ही पुश किए हैं। इस बीच बैकअप के तौर पर एक और मशीन इंदौर से एयरलिफ्ट कर मंगवाई गई है। जो शनिवार सुबह तक सिलक्यारा पहुंच जायेगी। रेस्क्यू कार्य में लगातार हो रही देरी से अंदर फंसे मजदूरों का बाहर आने का इंतजार बढ़ गया है। भगवान की कृपा से सभी मजदूर सुरक्षित हैं। श्रमिकों को खाने, पानी और ऑक्सीजन की लगातार सफलाई की जा रही है। टनल में विद्युत आपूर्ति बहाल है। पुलिस कप्तान अर्पण यदुवंशी लगातार रेस्क्यू कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
झारखंड सरकार की टीम ने टनल में फंसे राज्य के 15 मजदूरों की कुशलक्षेम जानी
झारखंड सरकार ने आईएएस अधिकारी भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को सिलक्यारा टनल में फंसे राज्य के 15 मजदूरों की कुशलक्षेम जानने के लिए भेजा है। झारखंड की इस टीम में भुवनेश प्रताप सिंह चीफ एक्जयूटिव ऑफिसर JAPIT साथ ही ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं प्रदीप रोबर्ट लकेड़ा ने झारखंड के मजदूर विश्वजीत एवं सुबोध से पाइप के जरिए बातचीत कर उनका हालचाल जाना। भुवनेश प्रताप सिंह ने पत्रकारों को बताया कि केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार और उत्तरकाशी जिला प्रशासन के द्वारा राहत एवं बचाव हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासनिक स्तर पर इस आपदा के प्रबंधन और रेस्क्यू कार्य हेतु मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने सुरंग में फंसे मजदूरों की स्थिति और उनकी देखभाल हेतु की गई व्यवस्थाओं को संतोषजनक बताते हुए भरोसा जताया कि जल्द सभी मजदूर सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे।