Uttarkashiक्राइमठेकदारप्रशासनसमस्या

PMGSY की सड़क पूरी बनी ही नहीं और उखड़नी पहले ही हो गई शुरू, आखिर जिम्मेदार कौन? देखें वीडियो

बड़कोट uttarkashi,, देश में ग्रामीण सड़कों के गुणवत्ता युक्त निर्माण का जिम्मा PMGSY में तैनात इंजीनियरों के कंधों पर। लेकिन विभागीय अधिकारियों/ठेकेदारों द्वारा गांव का सीधा संपर्क सड़कों के माध्यम से होने वाली इस योजना को पलीता लगाने ओर अपनी तिजोरियां भरने का सिलसिला अनवरत जारी है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि दिल्ली और प्रदेश में गठित जांच एजेंसी ने आज तक शिकायतों को न महत्व दिया और न ही सड़क की गुणवत्ता की जांच की। क्योंकि टीम को तो मौके पर पहुंचने ही नहीं दिया गया। सीधे होटलों में सेवादारी करके ठेकेदार और इंजीनियर दिल्ली वापसी की रवानगी डलवा देते है।

ताजा मामला जनपद उत्तरकाशी के यमुनाघाटी गीठ पट्टी के दांगुड़गांव/पिंडकी/मदेश/निशणि मोटर मार्ग का है, जहां अधिकारियों/ठेकेदार के ढुलमुल रवैये के चलते कार्य समय अवधि निकल जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। जितना काम हुआ भी है, ओ भी गुणवत्ता विहीन है। डामर हफ्ते भर में ही उखड़ गया है, सड़क के नारदाने में बड़े होल नजर आ रहे हैं! जो हादसों को न्यौता दे रहे हैं? जिससे प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट PMGSY को पलीता लगाने में विभागीय अधिकारी/ठेकेदार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

सुने क्या कहना है समाजसेवी महावीर पंवार (माही) का…

एक भी ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं : ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ के तहत सड़क निर्माण में लगी एजेंसियों और ठेकेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। निर्माणाधीन सड़कों में गुणवत्ता विहीन और घटिया मटेरियल के साथ निर्माण की शिकायत मिलती रहती है। लेकिन किसी भी शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। किसी भी ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट तक नहीं किया गया है। उल्टा यहां जमे अधिकारी उच्चाधिकारियों से सेटिंग कर ठेकेदारों से मोटा कमीशन लेकर शिकायतों पर परदा डाल देते हैं।

सालों से एक ही स्थान पर जमे हैं, कई अधिकारी : इस योजना में कार्य कर रहे कई अधिकारी सालों से एक ही स्थान पर डटे हैं। जिससे भ्रष्टाचार और घोटाले दिनप्रति दिन बढ़ रहे हैं। PMGSY (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) के तहत केंद्र को सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग किए जाने सहित कार्यों की खराब गुणवत्ता की शिकायतें मंत्रालय को मिली हैं। बावजूद अधिकारी शिकायतों पर परदा डालकर ठेकेदारों को मनमाने ढंग से काम करने की छूट देकर भ्रष्टाचार को पनाह दे रहे हैं। इतना ही नहीं सड़क घोटालों को छुपाने के लिए राज्य सरकार मरम्मत के पैसे देकर उन्हें कमाई का मौका देती है, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button