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“रवांई लोक महोत्सव” का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन

नौगांव uttarkashi,, तीन दिवसीय रवाईं लोक महोत्सव का रंगारंग सांस्कृतिक/रवांल्टी लोक प्रस्तुतियों के साथ समापन हो गया है। कार्यक्रम में केंद्रीय संचार ब्यूरो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार की चित्र प्रदर्शनी भी लगी थी। जिसे देखने के लिए लोग उत्सुक नजर आए। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। तीनों दिन अतिथियों का हरियाली छुपुकी और वाद्ययंत्रों की धुन पर फूलमालाओं से भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रेम पंचोली और साहित्यकार दिनेश रावत ने संयुक्त रूप से किया है।

सीमांत जनपद उत्तरकाशी के (YAMUNAGHATI) नौगांव में आयोजित रवांई लोक महोत्सव के तीसरे दिन भी रवांल्टी लोक भाषा/संस्कृति देखने को मिली।लोक कलाकारों द्वारा मंच के माध्यम अपना हुनर दिखाया। कार्यक्रम के आखिरी दिन के मुख्य अतिथि पहुंचे विधायक मुन्ना सिंह चौहान, कार्यक्रम अध्यक्ष विधायक दुर्गेश्वर लाल, पूर्व विधायक केदार रावत, श्याम डोभाल, पूर्व चेयरमैन अनुपमा रावत, शशि मोहन राणा, जशोदा राणा, प्रमुख प्रतिनिधि अजवीन पंवार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि मेला सिर्फ मिलाप करने का साधन ही नहीं बल्कि, हमारी लोक संस्कृति को बचाए रखने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए ऐसे आयोजन समय–समय पर होते रहने चाहिए। विधायक चौहान ने इस रवांई लोक महोत्सव के आयोजन और स्थानीय बोली/भाषा की परंपराओं को प्रोत्साहित करने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि अपनी विलुप्त होती लोक संस्कृति को बचाए रखने के लिए ऐसे लोक महोत्सव का आयोजन जरूरी है। क्योंकि ऐसे कार्यक्रमों से रवांई की पारंपरिक लोक संस्कृति का संरक्षण किया जा सकेगा। उन्होंने महोत्सव की आयोजक टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी है। कार्यक्रम के दौरान कला और संस्कृति, पत्रकारिता, खेल एवं साहसिक, उत्कृष्ट कार्य करने के लिए साहित्य लिए दिनेश रावत, चित्र कला में जगमोहन बंगाणी, पत्रकारिता के लिए दिनेश रावत, उद्यमिता के क्षेत्र में जयराज बिष्ट, महक चौहान को खेल के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है। मंच पर
लोक कलाकार की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को थिरकने के लिए बाध्य कर दिया। लोक गायक रतियानंद पंवार के प्रेम गीतों ने युवा दिलों को पांडाल में नाचने के लिए मजबूर कर दिया। सुदूर मोरी से चैन सिंह रावत के नेतृत्व में पहुंची धौंसा की टीम ने लोक बाध्य यंत्रों के साथ जो सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी, जो दर्शकों को युगों–युगों तक याद रहेगी। धौंसा, ढोल/नगाड़ा, रणसिंगा की जुगलबंदी के भी खूब देखने को मिली। लोक गायक रूपी राणा ने अपने छोड़े गीत से मौजूद दर्शकों के आंखों में आंसू भर दिए, तो युवाओं के दिल की धड़कन बढ़ा दी। जबकि रवांई घाटी के प्रसिद्ध लोक गायक संदीप जागरया ने अपने जागर गीतों से मौजूद दर्शकों को झूलने के लिए विवश कर दिया। इसके अलावा महोत्सव में रवांई की वेश भूषा पर हुए फैशन शो ने यह जता दिया कि अपनी परंपरागत ड्रेस में कितना सुखद अहसास हो सकता है। फैशन शो में बीना, मीरि विकास, रिंकी, शर्मिला, मोमन लाल, विजेंद्र सिंह रावत, आयुष नौटियाल, सुनिता नौटियाल, प्राची असवाल ने भाग लिया है। इसके अलावा पति दास द्वारा ढोल की धुन पर जो एक से बढ़कर एक लोक धुन अपने छोड़े गीत के माध्यम से प्रस्तुत किए। जिसे दर्शक देखते ही रह गए।

तीन दिवसीय रवांई लोक महोत्सव रविवार को संस्कृति, भाषा और पर्यटन को बढ़ावा दिया, वहीं रवांल्टी कवि सम्मेलन, पारंपरिक नृत्य-गीत और स्थानीय उत्पादों के स्टॉल्स, रवांई के पारंपरिक पकवान आकर्षण का केंद्र रहे। जिसमें स्कूली बच्चों और स्थानीय कलाकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और रवांई की समृद्ध विरासत को दर्शाया। इस महोत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। महोत्सव का उद्देश्य रवांई क्षेत्र की पहचान और परंपराओं को सहेजना था।

ये रहे उपस्थित

वरिष्ठ पत्रकार विजेंद्र रावत, शशि मोहन रावत, दिनेश रावत, महावीर सिंह रवांल्टा , प्रदीप रावत, स्वतंत्री (श्वेता) बंधानी, जिला पंचायत सदस्य विजय बंधाणी, चंडी प्रसाद बेलवाल, जशोदा राणा, योगेश बंधानी,  आशिता डोभाल, गोलू डोभाल, सभासद ललिता नौटियाल, नरेश नौटियाल, ॐ प्रकाश नौडियाल, अरविंद चौहान, अनित राणा, प्रकाश रावत, अनिल सेमवाल, संजय रावत, मनीष राणा, आशुतोष रावत,  सहित अन्य गणमान्य लोग रहे।

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