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परेशानी : भंकोली गांव के बैडोग खेड़ा में अतिवृष्टि से पेयजल लाइन और सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त, खड्ड का पानी पीने को मजूबर 45 परिवार के लोग, सुध लेने वाला कोई नहीं!

  • आपदा के बाद 24वें दिन भी पेयजल आपूर्ति बहाल करने की जहमत तक नहीं उठा पाया जल निगम उत्तरकाशी, ग्रामीणों में भारी रोष
  • सिंचाई नहर में पानी न होने से खेती बाड़ी पर निर्भर ग्रामीणों की धान की फसल सूखने की कगार

नौगांव (भंकोली) uttarkashi,, बीते माह यमुनाघाटी में हुई अतिवृष्टि से पेयजल लाइनें, सिंचाई नहरें और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा था। लेकिन आज आपदा के 24वें दिन बाद भी भंकोली गांव के बैडोग खेड़ा में जल निगम के अधिकारियों ने पेयजल आपूर्ति बहाल करने की जहमत तक नहीं उठा सका। जिससे 45 परिवार के लोग रिखनाल खड्ड का पानी पीने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं सिंचाई नहर जगह–जगह क्षतिग्रस्त होने से पानी नहीं आ रहा है। जिससे ग्रामीणों के खेतों में लहलहाती धान की फसल सूखने की कगार पर है। समय रहते यदि सिंचाई विभाग ने नहर को ठीक नहीं हुई तो लोगों की फसल तबाह हो जायेगी। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से यहां शीघ्र पेयजल लाइन एवं सिंचाई नहर दुरुस्त करने की मांग की है।

भंकोली ग्राम पंचायत के बेटू खेड़ा तोक में 45 परिवार रहते है। पहले यहां ग्रामीणों की छानियां होती थी, कुछ समय के लिए ग्रामीण यहां प्रवास करते थे लेकिन अब ग्रामीण यहां 12 महिने निवास करते है क्योंकि यहां से बच्चों की पढ़ाई हेतु नौगांव व लाखामंडल नजदीक पड़ता है। इस गांव में 14 जुलाई को अतिवृृष्टि के कारण गांव की सिंचाई नहर व पेयजल योजना भूस्खलन से जगह, जगह क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व कनिष्ठ प्रमुख नौगांव श्याम सिंह राणा, खजानू लाल, भजन दास, कलमू लाल, डबलू लाल, अरविंद, महावीर, रणवीर सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग व जल निगम को कई बार अवगत कराने के बावजूद सिंचाई नहर व पेयजल योजना की मरम्मत एवं मलबा नही हटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को पीने का पानी दो किमी दूर रिखनाल खड्ड से लाना पड़ रहा है। साथ ही बताया कि सिंचाई नहर की मरम्मत न होने के कारण नहर अवरूद्ध होने से ग्रामीणों के खेतों में सिंचाई न होने से धान की फसल खराब होने के कगार पर है।

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