नौगांव/पुरोला/मोरी uttarkashi,, यमुनाघाटी के सरकारी अस्पताल भगवान भरोसे, न दवाइयां, न डाक्टर, न संसाधन और राष्ट्रीय समाचार पत्र छाप रहे गायनों एवं बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती की झूठी खबरें! ऐसे में कैसे सुधरेगी यमुना घाटी की स्वास्थ्य सेवाएं?
यमुना घाटी में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल है, और तो ओर अस्पतालों में जरूरी दवाइयां तक उपलब्ध नहीं है। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में डाक्टरों का टोटा। यमुनाघाटी में 1 उपजिला चिकित्सालय है, 3 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC बड़कोट, CHC नौगांव, CHC मोरी) हैं, 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC लेवाडी, PHC गंगाड, PHC डामटा) हैं, लेकिन किसी भी अस्पताल में न तो बाल रोग विशेषज्ञ है ना ही महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती है। और सरकार दावे करती है, की पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर है। (मानक के अनुसार CHC/PHC में बाल रोग एवं महिला रोग विशेषज्ञ होना जरूरी हैं।) अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि पहाड़ों की स्वास्थ्य सुविधाओं के स्थिति क्या है? इतना ही नहीं स्वास्थ्य सुविधाओं की लच्चर व्यवस्था के लिए कुछ राष्ट्रीय समाचार पत्र भी जिम्मेदार हैं। क्योंकि वह शासन/प्रशासन को गुमराह करने में लगे हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं। क्योंकि कुछ दिन पहले राष्ट्रीय समाचार पत्र दैनिक जागरण पर यमुना घाटी के पुरोला उपजिला चिकित्सालय में चाइल्ड स्पेशलिस्ट और महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती होना छापा गया है। अब अगर राष्ट्रीय चैनल ही सरकार को गलत सूचना दे रहे हैं। तो ऐसे में कैसे व्यवस्थाएं सुधरेंगी।
यमुनाघाटी में पिछले एक साल से न बाल रोग और न महिला रोग विशेषज्ञ है। पुरोला में पहले जो गायनों डॉ किरन नेगी तैनात थी, वह अब देहरादून ट्रांसफर ले चुकी है। और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ भंडारी करीब 2 साल पहले सेवानिवृत हो चुके हैं। तब से लेकर अब तक दोनों डॉक्टर यमुनाघाटी को नहीं मिले है। जिस के चलते नौनिहालों और गर्भवती महिलाओं को इलाज नहीं मिल पाता है। मजबूरन लोग देहरादून/विकासनगर के चक्कर काटने को मजबूर हैं।




