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सरकारी विद्यालयों के बच्चों को शिक्षा सत्र शुरू होने के 48 दिन बाद भी नहीं मिल पाई पुस्तकें? कैसे करेंगे पढ़ाई?

पुरोला uttarkashi,, उत्तराखंड सरकार भले ही सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लाखों दावे करती है, लेकिन हालत कुछ और बयां कर रहे हैं। प्रदेश में नए शिक्षा सत्र को शुरू हुए 48 दिन बीत चुके हैं लेकिन प्रदेश के उच्चाधिकारियों की लापरवाही की वजह से यमुनाघाटी के सरकारी स्कूलों में नई किताबें नहीं पहुंची है। जिससे छात्र/छात्राओं को पठन–पाठन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तराखंड में नया शिक्षा सत्र (2023/24) शुरू होने के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश की छुट्टियां पड़ने में मात्र 13 दिन शेष हैं। लेकिन यमुनाघाटी के पुरोला विकासखंड के सरकारी विद्यालयों (प्राथमिक/माध्यमिक) की कक्षाओं की किताबें स्कूलों में नहीं पहुंची है। बिना किताबों के बच्चों को स्कूल में तो दिक्कत हो ही रही है वो घर पर भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इस बारे में जब  विकासखंड पुरोला के नोडल अधिकारी/अटल आदर्श राजकीय इंटर कॉलेज पुरोला के प्रधानाचार्य चतर सिंह चौहान से पूछा गया तो उन्होंने बताया की अभी तक कक्षा 2,4, 8 की पुस्तकें ही यहां भेजी गई है। वह विद्यालयों को वितरित की जा रही है।   उनमें भी कक्षा 4 गणित व कक्षा 8 में विज्ञान व सामाजिक विज्ञान की पुस्तकें नहीं है। उन्होंने बताया कि हमने इस बारे में कई बार हल्द्वानी संपर्क किया है। लेकिन अभी तक किताबें उपलब्ध नहीं हुई है।

विभाग द्वारा स्कूलों में किताबें भेजने का काम जारी है। जल्द ही विद्यालयों में सभी कक्षाओं की पुस्तकें उपलब्ध करा दी जायेंगी। – बंशीधर तिवारी, महानिदेशक विधायलयी शिक्षा उत्तराखंड।

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