Delhi,, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना जारी कर दी है. बीते शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘CAA को लागू करने के नियम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जारी कर दिए जाएंगे। लाभार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। शाह ने कहा था, ‘CAA देश का कानून है। इसकी अधिसूचना जरूर जारी होगी।
लोकसभा चुनाव से पहले इसे जारी किया जाएगा। इसे लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। भारत के पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना कांग्रेस नेतृत्व का भी वादा था। शाह ने कहा था, ‘CAA किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है। मुस्लिम भाइयों को CAA के मुद्दे पर भड़काया जा रहा है। CAA के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती।
इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है : CAA उन लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करके भारत आए और यहां शरण ली. इसका किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून : CAA पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता है, जिन्होंने भारत में शरण ले रखी है। इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।
2019 में संसद में पारित हुआ था CAA : ज्ञातव्य हो कि दिसंबर 2019 में संसद ने सीएए पारित किया था। बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। इसके बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। चार साल से ज्यादा समय के बाद सीएए लागू करने के लिए नियम बनाए जाने जरूरी है।
ये है मकसद : केंद्र सरकार CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।
ऐसे में CAA कानून 2019 पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता के लिए रास्ता खोलेगा, जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं। इस कानून में किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।