पुरोला uttarkashi,, डीएम अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में आज बीडीसी सभागार में तहसील दिवस का आयोजन किया गया। तहसील दिवस में करीब 130 फरियादी अपनी–अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। जनप्रतिनिधियों ने आपदा पीड़ितों को कृषि भूमि मुहैया कराने के साथ ही उनका कृषि ऋण माफ करने की मांग भी की है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के एक सहायक अभियंता पर जन प्रतिनिधियों के साथ अच्छा व्यवहार न करने, भारी भ्रष्ट होने का आरोप लगाते हुए अभियंता का स्थानांतरण करने की मांग की है। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी विभाग के मौखिक कहने पर कोई भी निर्माण कार्य न करें। डीएम ने कहा है कि जनपद में आपदा से हुई क्षति की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इस मौके पर आपदा पीड़ितों को 1 लाख 37 हजार रुपए के चैक वितरित किए गए।
तहसील दिवस में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बलदेव असवाल ने कहा कि जिन ग्रामीणों की आपदा में कृषि भूमि बह गई है उनको भूमि मुहैया कराई जाए या उन्हें पट्टा आवंटित किया जाए। उन्होंने आपदा पीड़ित काश्तकार, बागवानों का कृषि ऋण माफ करने की मांग करते कहा कि यदि ऋण माफ नहीं किया जा सकता है तो इनको पांच वर्ष तक ब्याज मुक्त किया जाय। सामाजिक कार्यकर्त्ता दिनेश चौहान ने कहा कि जो ग्रामीण आपदा से भूमिहीन हो गए है उनको बीपीएल की श्रेणी में रखा जाए। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों सहित नगर पंचायत में आवासीय भवनों के ऊपर से विद्युत लाइन जा रही है जिससे यहां कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद लाइन नहीं हटाई जा रही है। जयेंद्र सिंह राणा और पृथ्वी राजा कपूर ने चिन्हित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की ऑनलाइन पेंशन की मांग की है। कंडिया गांव के वीरेन्द्र सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जो उनको पैसा देता है उनकी लाइन शीघ्र हटाई जाती है। विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि विधायक निधि के माध्यम से पूर्व में उन्होंने क्षेत्र के कई स्थानों की विद्युत लाइन हटाई है। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को ऐसे स्थानों को चिन्हित कर इसका स्टीमेट बनाने को कहा है। विधायक ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों के आवासीय भवनों एवं विद्यालयों के आसपास चीड़ वृक्षों से खतरा बना हुआ है, उन्होंने वन विभाग को इन पेड़ों का छपान करने को कहा है।
सर बडियार क्षेत्र के धर्मवीर सिंह, अरविन्द सिंह जयाड़ा ने कहा कि आपदा से क्षेत्र के आठ गांव के सभी संपर्क मार्ग, अश्व मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए है। कई पुलिया आपदा की भेंट चढ़ गई है। कृषि भूमि को भी भारी नुकसान हुआ है। सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य जयवीर सिंह रावत ने कहा कि बडियार क्षेत्र में आपदा से भारी तबाही हुई है लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सालय डिंगाड़ी में कोई भी स्वास्थ्य कर्मी नहीं है। उन्होंने क्षेत्र में मेडिकल सुविधा मुहैया कराने की मांग की है। खलाड़ी पुजेली गांव निवासी लोकेश नौटियाल ने कहा कि आपदा से माल गाड़ की पुलिया बह जाने से यहां कई गांव का सम्पर्क मार्ग अवरूद्ध हो गया है। ग्रामीणों ने पुरोला–पोरा मोटर मार्ग को खोलने की मांग की है। जिस पर डीएम ने पीएमजीएसवाई को तुरंत काम चालू करने के निर्देश दिए है। उन्होंने वहां शीघ्र पुलिया का निर्माण करने की मांग की है। बलदेव रावत ने कहा कि खलाड़ी के गोदी नामे तोक में भारी भूस्खलन होने से यहां कृषि भूमि को नुकसान हो रहा है। नौगांव ब्लॉक के पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख श्याम सिंह राणा ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा उनके पूर्व में किए गए कार्यों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। नगर पंचायत नौगांव निवासी धनवीर सिंह परमार ने नगर में उनकी भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने की मांग की। जखोल गांव निवासी हाकम सिंह रावत ने कहा कि गोविंद पशु विहार के 42 गांव में आपदा से सभी संपर्क मार्ग, अश्वा मार्ग क्षतिग्रस्त हो रखे है। सामाजिक कार्यकर्त्ता अमित नौडियाल ने सीएचसी के पास कमल नदी से हो रहे कटाव को रोकने हेतु वहां बाढ़ सुरक्षा कार्य कराने की मांग की।
ये रहे उपस्थित : ब्लॉक प्रमुख रीता पंवार, जेष्ठ उप प्रमुख सरिता रावत, जिला पंचायत सदस्य सरोज रावत, मंडल अध्यक्ष जगमोहन पंवार, बलदेव रावत, नीवन गैरोला, राजपाल पंवार, बद्री प्रसाद नौटियाल, अमीचंद शाह, दिनेश खत्री, प्रेम सिंह नेगी, लोकेंद्र कंडियाल, लोकेश उनियाल, हाकम सिंह, ओम प्रकाश रावत, उमेंद्र आष्टा, एसडीएम देवानंद शर्मा, थानाध्यक्ष अशोक कुमार, वीडीओ राजेंद्र प्रसाद जोशी सहित सभी विभागों के अधिकारी/कर्मचारी और फरियादी उपस्थित रहे।