गंगोत्री uttarkashi,, विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम मंदिर के कपाट बुधवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में प्रातः 11 बजकर 36 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक पूजा–अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। गंगोत्री धाम में उपस्थित देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने इस अवसर गंगा जी की उत्सव मूर्ति के दर्शन कर पूजा में भाग लिया। कपाट बंदी के बाद मां गंगा के जयकारों के साथ गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर मुखवा गांव के लिए प्रस्थान करवाया गया। तीर्थ पुरोहितों की अगवानी में गंगा की डोली यात्रा लोक वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ रवाना हुई। डोली यात्रा आज रात्रि में चंडी देवी मंदिर मार्कण्डेय पुरी में प्रवास करेगी। गुरुवार को सोमेश्वर देवता की आगवानी में भैयादूज के पर्व पर गंगा की डोली यात्रा मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। जहां पर उत्सव प्रतिमा को शीतकाल के लिए गंगा मंदिर में विराजमान किया जाएगा। शीतकाल में श्रद्धालु मुखवा स्थित गंगा मंदिर में गंगा जी के दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगें।
कपाटोद्घाटन से कपाटबंदी तक इस बार 757010 तीर्थयात्रियों द्वारा गंगोत्री धाम में दर्शन किए गए।
यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी 23 अक्टूबर 2025 को भैयादूज के पर्व पर अपराह्न 12 : 30 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान होगी।



